
दूरस्थ अंचलों की महिलाएं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की सशक्त मिसाल
जशपुर 1 नवम्बर 25/ छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस और रजत जयंती समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जशपुर जिले के स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा लगाएं गए प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस रजत जयंती समारोह के अवसर पर ट्राइबल म्यूजियम, नवा रायपुर अटल नगर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जशपुर जिले की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित
जशप्योर ब्रांड’ के अंतर्गत तैयार किए गए उत्पादों — महुआ लड्डू, महुआ कैंडी, महुआ टी, महुआ हेक्टर संग्रह आदि को देखा और उनकी गुणवत्ता की सराहना की।
साथ ही, उन्होंने जशपुर की पारंपरिक हस्तकला ‘छिंद कांसा टोकरी’ (हाथ से बनी बांस/छिंद की टोकरियाँ) की जानकारी ली।
उन्होंने स्थानीय संसाधनों से बनी इस कलाकृति की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने समूह की दीदी अनिता भगत और अन्नेश्वरी भगत से वार्ता की तथा उनके उत्कृष्ट कार्य और आजीविका सशक्तिकरण के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर बगीचा विकास खंड की विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा लखपति दीदी मनकुंवर बाई भी उपस्थित थीं।
उन्होंने कहा कि जशपुर जैसे दूरस्थ अंचलों की महिलाएं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की सशक्त मिसाल हैं और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सार्थक प्रयास कर रहे हैं। महिलाओं द्वारा उत्पाद की जबरदस्त मांग बनी हुई है। तैयार जशप्योर ब्रांड के माध्यम से स्थानीय आदिवासी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार उत्पादों को विभिन्न राज्यों जैसे पुणे दिल्ली, मध्यप्रदेश , उड़ीसा आदि अन्य राज्यों में प्रदर्शनी लगाया गया।
जहां प्रदर्शनी का अवलोकन करके लोग बड़ी मात्रा में खरीदी भी किए हैं और उत्पाद को भी पसंद किया जा रहा है।
जिला प्रशासन जशपुर की पहल पर जशप्योर ब्रांड का पुणे के विभिन्न स्थानों पर नियमित स्टॉल लगाई जा रही है। जहां जशपुर जिले के स्थानीय कच्चे माल से बने उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है जो जशपुर की आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं। ये उत्पाद अपनी शुद्धता और स्वास्थ्य लाभ के कारण उच्च मांग में हैं, क्योंकि इनमें कोई रसायन नहीं होते हैं, जिससे वे बाजार के अन्य उत्पादों की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प बन जाते हैं।
महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उत्पाद, जैसे महुआ सिरप (शहद का महुआ आधारित विकल्प), महुआ आधारित चीनी मुक्त च्यवनप्राश विकल्प फॉरेस्टगोल्ड वन्यप्राश और बाजरा पास्ता के नियमित ग्राहक प्राप्त कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त छिन्द घास के हाथ से बने टोकरियां त्यौहारी मौसम के दौरान उच्च मांग में हैं। स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और आदिवासियों को स्थायी रोजगार प्रदान करने में जिला प्रशासन के प्रयास सराहनीय हैं। यह पहल न केवल आदिवासी समुदायों को सशक्त बना रही है बल्कि इन अद्वितीय, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के माध्यम से उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को भी सुनिश्चित कर रही है।












